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Dr. Rajendra Bandil

डॉ. राजेन्द्र बांदिल

अध्यक्ष

प्रिय विद्यार्थियों,
मध्य भारत शिक्षा समिति द्वारा संचालित शिक्षा संस्थानों में प्रवेश लेने वाले समस्त विद्यार्थियों का समिति स्वागत करती है। ग्वालियर अंचल में शैक्षणिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने के उद्देश्य से समिति द्वारा समय-समय पर विविध शिक्षा संस्थानों का निर्माण किया गया है। जो आज पूर्ण रूप से विकसित, सुदृढ़ एवं नगर में प्रतिष्ठा प्राप्त है। इस दिशा में नूतन उपलब्धि झाँसी रोड पर नाके से मात्र 7 कि.मी. की दूरी पर नया वृहद शैक्षिक परिसर विकसित किया जा रहा है।

समिति के समस्त शिक्षा संस्थानों में सम्पूर्ण वर्षभर सख्त अनुशासन के साथ शैक्षणिक गतिविधियाँ, संस्कृतिक आयोजन आदि संचालित होते रहते हैैं। समिति छात्रों से इन सभी आयोजनों में पूर्ण मनोयोग से सक्रियता की अपेक्षा करती है।

अनुशासन एवं अध्ययन, अध्यापन में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता है। आशा हैं आप समिति के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु प्रयास करेंगे।
शुभकामनाओं के साथ।

डॉ. राजेन्द्र बांदिल (अध्यक्ष)
मध्य भारत शिक्षा समिति

Dr. Arun Agarwal

श्री अरूण अग्रवाल

सचिव

ग्वालियर नगर की प्राचीनतम प्रतिष्ठित संस्था जो पूर्व में ग्वालियर एजुकेशन सोसायटी के नाम से जानी जाती थी। वर्तमान में मध्य भारत शिक्षा समिति के नाम से समाज में प्रतिष्ठित है। संस्था के उत्थान एवं सतत् संचालन के लिये स्व. श्री सदाशिव गणेश उपाख्य बाबा गोखले एवं डॉ. हरि रामचन्द्र दिवेकर का योगदान अविस्मरणीय है। स्व. बाबा गोखले इस संस्था के संस्थापक सदस्यों में अन्यतम थे। समिति की स्थापना 21 जुलाई 1937 को की गई।

सर्व सुलभ मूल्य आधारित शिक्षा के प्रसार के शिव संकल्प को लेकर बढ़ रहे बाबा गोखले के उत्कृष्ट प्रयासों की प्रथम परिणिति पार्वती बाई गोखले विद्यालय कदम साहब का बाड़ा मामा का बाजार के रूप में सामने आई। कालान्तर से 1945 में ग्वालियर नरेश श्रीमंत महाराजा जीवाजीराव सिंधिया ने अपने पुत्र माधवराव सिंधिया के नामकरण के उपलक्ष्य में दानस्वरूप प्रदत्त जीवाजीगंज स्थित बालदे की भूमि पर समिति के कला संकाय, 1951 में वाणिज्य संकाय तथा 1957 में विज्ञान संकाय की कक्षाओं के साथ विद्यालय ने उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का रूप ग्रहण किया।

1957 में कला संकाय एवं 1959 में विज्ञान संकाय में स्नातक की कक्षाओं के आरंभ के साथ ही पार्वतीबाई गोखले महाविद्यालय अस्तित्व में आया। अब मानो बाबा गोखले की पावन और कल्याणकारी कामना को पंख लग गये। समिति के कृतित्व की सर्वत्र सराहना होने लगी। बड़े-बड़े विद्यानुरागी और दानदाता सहयोग के लिये आगे आये और पार्वतीबाई गोखले महाविद्यालय को चार स्वतंत्र इकाइयों, क्रमशः पार्वतीबाई गोखले विज्ञान महाविद्यालय, माधव महाविद्यालय पार्वतीबाई गोखले बहुउद्धेशीय उ. मा. विद्यालय एवं सार्वजनिक विद्यालय में व्यवस्थित किया गया। पार्वतीबाई गोखले विज्ञान महाविद्यालय बाल्दे भवन में तथा 1960 में ग्वालियर के विद्या अनुरागी कुलपति जीवाजी विश्वविद्यालय स्व. श्री रामचन्द गणपत उपाख्य रावसाहेब राजवाडे जी ने अपना पारिवारिक ’’ राजवाडे भवन’’ शैक्षणिक कार्य के प्रचार ¬प्रसार हेतु समिति को दान स्वरूप दिया जिसमें माधव महाविद्यालय का संचालन आरंभ हुआ जो आज माधव महाविद्यालय के रूप में प्रतिष्ठित है 1969 में माधव महाविद्यालय में विधि की कक्षाएं प्रारंभ की गई तथा 2005 में विधि विभाग को स्वतंत्र विधि महाविद्यालय के रूप में स्थापित कर अतीत की रूपरेखा प्रदान किया। 2005 से ही माधव महाविद्यालय के रूप में शिक्षा में स्नातक के अध्ययन अध्यापन का शुभारंभ किया गया।

इस प्रकार माधव महाविद्यालय में विधि एवं शिक्षा की पृथक से इकाईयों की स्थापना के साथ समिति के शिक्षा जगत में कुल छः शिक्षा संस्थान वर्तमान में संचालित हैं जिसमें माधव महाविद्यालय, माधव विधि महाविद्यालय, पार्वतीबाई गोखले विज्ञान महाविद्यालय, पी.जी.व्ही. उ. मा. विद्यालय, सार्वजनिक माध्यमिक विद्यालय की कक्षाओं का उन्नयन किया गया है। जिसमें कम्प्यूटर लैब स्थापित की गई है तथा पुस्तकालय को उन्नत किया गया है। भविष्य में ई-लायब्रेरी एवं स्मार्ट क्लासेस प्रारंभ करना प्रस्तावित है।

माधव महाविद्यालय, माधव विधि महाविद्यालय, पार्वतीबाई गोखले विज्ञान महाविद्यालय शोध संस्थान के रूप में पंजीकृत है। माधव महाविद्यालय, माधव विधि महाविद्यालय, पार्वतीबाई गोखले विज्ञान महाविद्यालय में स्नातकोत्तर कक्षाओं के साथ-साथ विद्यार्थी अपने-अपने विषय में शोधकार्य सफलतापूर्वक पूर्ण कर रहे है। भविष्य में माधव शिक्षा महाविद्यालय में स्नातकोत्तर कक्षाओं तथा माधव विधि महाविद्यालय में नवीन विषय में फोरेंसिक साइंस स्नातक एवं स्नातकोत्तर एवं साइबर डिप्लोमा प्रारंभ करना प्रस्तावित है।

नित नूतन नवोन्मेष की ओर अग्रसर समिति की नूतन उपलब्धि यह है कि अभी हाल ही में भाटखेड़ी, झाँसी रोड पर नाका चन्द्रबदनी से मात्र 7 कि. मी. की दूरी पर वृहद शिक्षण परिसर हेतु भूमि क्रय कर निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस प्रकार समिति शिक्षा की गुणवत्ता और प्रसार की दिशा में सतत् प्रयत्नशील है और शीघ्र शैक्षिक सुधारों के साथ नूतन संस्थान की आधारशिला रखेगी, तब मानो बाबा गोखले रूपी मानस के सप्त सोपान ही समिति के सात संस्थान होंगे।

श्री अरूण अग्रवाल
सचिव
मध्य भारत शिक्षा समिति

Naresh Kumar Sharma

नरेश कुमार शर्मा

प्राचार्य

ऋषि गालव की तपोभूमि ग्वालियर से सन् 1941 से शिक्षा प्रदान कर रही संस्था पार्वतीबाई गोखले उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जीवाजीगंज, लश्कर, ग्वालियर में अपने पुत्र एवं पुत्रियों के सर्वागीण विकास हेतु प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों का मैं हार्दिक स्वागत करता हूँ। यह विद्यालय 81 वर्ष शिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करने के लिये प्रारंभ किया गया था। इसकी नींव समाज के प्रति समर्पित त्याग की प्रतिमूर्ति परम श्रद्धेय स्व. श्री बाबा गोखले ने डाली थी। उनकी त्यागमयी भावना से प्रेरित होकर यह संस्था निरंतर अपने उद्देश्य के प्रति समर्पित भाव से सफलतापूर्वक कार्य कर रही है तथा अपने सेवा, अनुशासन एवं परिश्रमशीलता के कारण संस्था का क्षेत्र व प्रदेश में एक गरिमामयी स्थान प्राप्त है। विद्यालय में विद्यार्थियों के लिए पठन-पाठन संबंधी सुविधायें उपलब्ध हैं। विद्यालय में अनुशासनपूर्ण स्नेह, सौहाद्रपूर्ण वातावरण में विद्यार्थियों की शिक्षा के साथ उनके सर्वांगीण विकास पर ध्यान दिया जाता है।

विद्यालय में एन.एन.एस. खेलकूद साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से उनकी विभिन्न प्रतिभाओं को निखारने का कार्य किया जाता है तथा वे एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में तैयार हो, इसका हमेशा प्रयास होता है। इस विद्यालय से शिक्षा प्राप्त करे विद्यार्थी आज समाज एवं देश-विदेश में विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन का समाज की प्रगति में भागीदार बनकर विद्यालय एवं देश का नाम रोशन कर रहे हैं।

मैं सभी विद्यार्थियों को उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ।

धन्यवाद।

नरेश कुमार शर्मा
प्राचार्य